Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad

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Page 85
________________ जोउ जोउनी नही निरोल कीजइ इ ति रंगरोल, दीजइ फूल तंबोल दक्षण करे. 29 जे जगि जोसी-ज्योतिषी ते तेड्या तत्काल; लीवू लगन विलंब विण चउमासइ चउसाल. 30 सरस रसाले वड वडी, वर पकवान कमाइ; जेवड त्रेवड त्रेवडी, किम ते वडी कहाइ. 31 माहवि मंडप मंडणी मंडावइ मंडाणि; जो ऊपरि कीधी किसी, जिसी न दीसइ वाणि. 32 चाचरि चउरी ताडीइ, चीर विछाहइ चंगा; माहवि मोटउ मंडीउ इम जगि जासक जंगा. 33 चोषी चाउरि पाथरइ मंडप मांहि विशाल; बइठउं सोहइ साजनउं, गाइण गाइ रसाल. 34 मंडइ अनुचर चाकुला, आलस अलगां छोडि; भाणां वाणां कनकमइ कचोलानी कोडि. 35 बइठी छेक विवेक धरि, उपइ पउढी पांति; धब धब धब धुंसट पडइ जिमइ अढारइ जाति. 36 नीली सूकी धुरि घणी मूकी फलहुलि फार; षारेकि षुरमां षडहडी साकर सरस अपार. 37 चडचड चार उली चतुरा प्रीसइ परघल छेक; वर वरसोलां वाटली फलहुलि वली अनेक. 38 29. B जोउ रतो नही निरल कीजइ ते रंगरोल दी इ. C जोउ रती नही निरोल कीजइ ति ___ रंगरोल दोजइ. C दक्षिण. 30. B जोतषी, C योतिषी. B ततकाल, C ततकाली. C चुमासइ. 31. B किम त्रेवडी कहाई. 32. BC माहव. A मंडपि; मंडावी मंडाणि; जिसी किसी. 33. BC चुरी. B ताडीयइ. A विछाहि, B विछाया. AB चंग. A नाहवि. B मंडीय. 34. A बइठू सहुइ साजनू. B गुण गाइ, C गाइणि गाइ. 35. A चाउर चाकुला, B अनुचर चाकला, C अनुचित चाकुला. B भाणा त्राणा. 36. B धुरि. AC पोढो. B मांति; धव धव धव. 37. B फाल. AB परमा. 3. BC चारुली. BC परिघल. B थोक. BC फलहुलि अवरि अनेक, AB जंग.

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