Book Title: Nemirangratnakar Chand
Author(s): Shivlal Jesalpura
Publisher: L D Indology Ahmedabad
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________________ उभयान्वयी अव्यय समुच्चयवाचक - नइ, नई, अनइ विकल्पवाचक-कि, कइ, के विरोधवाचक-पुण, पणि, पण संबंधवाचकः-जइ-तु, जु-तु, जउ-तु, जं-तं, जउ, तु, वली, जिम ज़िमतिम तिम परिणामवाचक-नहींतरि . केवळपयोगी अव्यय संबोधनवाचक—हो, रे शोकवाचक हा हा विनय-संमतिवाचक-ज़ी जी कि. रे, रि, य अने अ पादपूरक तरीके वपराया छे.

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