Book Title: Neminath Mahakavyam
Author(s): Kirtiratnasuri, Satyavrat
Publisher: Agarchand Nahta

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Page 7
________________ प्रकाशकीय """ 1 लगभग ४७ वर्षं पूर्वं परमपूज्य जैनाचार्य श्री जिनकृपाचन्द्रसूरिजी के सदुपदेश से पूज्य पिता श्री शकरदानजी ने हमारे ज्येष्ठ भ्राता श्री अभयराज जी नाहटा की पुण्यस्मृति मे अभय जैन ग्रन्थमाला का प्रवर्तन किया था, जिसके 'अन्तर्गत प्रकाशित इकतीस महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ धर्म व इतिहास प्रेमियो के समक्ष रखे जा चुके है । किन्तु जनता के सहयोग एव प्रचार के अभाव मे साहित्योद्धार का यह गौरवपूर्ण कार्य आशानुरूप गतिशील नही हो सका । अभी भगवान् महावीर के २५०० वें निर्वाणोत्सव वर्ष के शुभ अवसर पर सुविख्यात खरतरगच्छीय विद्वान एव शासन प्रभावक कीर्तिरत्नसूरि-कृत नेमिनाथ महाकाव्य को उक्त ग्रन्थमाला के ३२ वें पुप्प के रूप मे प्रकाशित करते अपार हर्ष हो रहा है । इसका सम्पादन जैन संस्कृत महाकाच्यो के मर्मज्ञ डॉ० सत्यन्नत ने किया । आपने जैन संस्कृत महाकाव्यों को अपने विशेषाध्ययन का विषय बनाया और इसी पर शोध करके डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है । अत आपके द्वारा सुसम्पादित इस काव्य का निजी महत्त्व है | काव्य का हिन्दी अनुवाद, समीक्षात्मक विश्लेषण, सुभाषित नीवी एवं पञ्चानुक्रमणिका देने से ग्रन्थ की उपयोगिता और वढ गयी है । आशा है, यह ग्रन्थ विद्वज्जनो के - लिए उपयोगी सिद्ध होगा । प्रस्तुत ग्रन्थ प्रकाशन मे मुनिराज श्री जयानन्दमुनि जी के सदुपदेश से श्री महावीर स्वामी मन्दिर पायधुनी, श्री चिन्तामणिजी का मन्दिर बम्बई, खरतरगच्छ मघ भुज, माडवी और जामनगर से अधिक सहयोग प्राप्त हुआ है एत्तदर्थ हम पूज्य मुनि श्री और उक्त सस्थाओ के ट्रस्टियो के विशेष आभारी है । इस गन्ध के विक्रय से जो धनराशि प्राप्त होगी, उसे अन्य ग्रन्थो के प्रकाशन मे व्यय किया जाने की योजना है । f

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