Book Title: Namaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Author(s): Dhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
Publisher: Jain Sahitya Vardhak Sabha
View full book text ________________ अथ नष्टोद्दिष्टविधौ कोष्ठेष्वङ्कगुणनरीतिमाह पुवट्ठिअंके मुत्तुं गणियव्वा अंतिमाइपंतिसु / कोहाओं उवरिमाओं आयं काऊण लहु अंकं // 21 // अहवा जिहँ अंकं आयं काऊण मुत्तु ठविअंके / पंतीसु अंतिमाइसु हिडिमकोट्ठाउ गणिअव्वं // 22 // व्याख्या-यथा प्राङ्नष्टोद्दिष्टविधौ पश्चानुपूर्व्याऽन्त्यादिपतिषु येऽङ्काः पूर्वस्थिताः स्युस्ते गताङ्केषु न गण्यन्ते स्म / तथाऽत्रापि तान् मुक्त्वा लघु लघुमङ्कमादिं कृत्वोपरितनकोष्ठकाद् गणनीयम् / पश्चानुपूर्व्या नवाष्ट-सप्त-षट्-पञ्च-चतुरादिभिरकैः कोष्ठका अङ्कनीया इत्यर्थः / अथवा ज्येष्ठं ज्येष्ठमङ्कमादि कृत्वाऽधस्तनकोष्ठकाद् गणनीयम् , पूर्वानुपूर्व्या एक-द्वि-त्रि-चतुः-पञ्चादिभिरकैः कोष्ठका अङ्कनीया इत्यर्थः / नष्टाद्यानयनेऽयमर्थः स्पष्टो भावी // 21-22 // बीजा कोठामा परिवर्ताकोनी स्थापना करवी ते आ प्रमाणे : __. बीजो कोठो | 1 | 2 | 6 |24|120/420/5040/40320 त्रीजा कोठामा परिवर्ताक करतां बमणी रकम स्थापवी, ते आ प्रमाणे : त्रीजो कोठो | 4 |12| 48 240 14401008080640 चोथा कोठामा परिवर्ताक करतां त्रण गुणी, पांचमा कोठामा परिवर्ताक करतां चार गुणी, छठ्ठा कोठामा परिवर्ताक करतां पांच गुणी, सातमा कोठामा परिवर्ताक करतां छ गुणी, आठमा कोठामा परिवर्ताक करतां सात गुणी अने नवमा कोठामा परिवर्ताक करतां आठ-गुणी राखवी 20 ते आ प्रमाणे :- // 20 // चोथो कोठो |18|72/360/2160 15120 120960 पांचमो कोठो |96/4802880/20260 161280 छट्ठो कोठो 600360025200201600 सातमो कोठो |432030240241920 आठमो कोठो |39280282240 नवमो कोठो 322560 श-पूर्व रहेला अंकोने छोडीने तथा लघु अंकोथी लईने उपरना कोठाथी अंतिम आदि पंक्तिओमां गणना करवी जोईए // 21 // वि०-हवे नष्ट अने उद्दिष्टनी रचनाना कोठाओमा अंकने गणवानी रीत बतावे छे- 30 जेम पहेलां नष्ट अने उद्दिष्टनी रचनामां पश्चानुपूर्वीथी अंतिम आदि पंक्तिओमां जे अंक पहेला रहेला हता, ते गतांकोमा गणवामां नहोता आव्या, तेम अहीं पण पहेला रहेला अंकोने . 1 मुत्तुं।
Loading... Page Navigation 1 ... 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592