Book Title: Maharani Chelna Ki Vijay Author(s): Rajni Jain Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala View full book textPage 9
________________ चेलना युवराज अभय कुमार रात को उसी समय महामात्य वर्षकार के निवास स्थान पर पहुँचे. हाँ महामात्य ! कुछ आवश्यक परामर्श लेना है ! स्वागत युवराज ! इतनी रात गये आप यहाँ ? आइए, आसन गृहण करें!/ महामात्य ! मैं कई सप्ताहों से पिताश्री को चिंतित देख रहा हूँ. सम्भव है आपने भी यह देखा हो ? वह राजकुमारी चेलना के लिए व्याकुल हैं. जबसे उन्होंने उसका | चित्र देखा है, तभी से उनका ये हाल है.! आप शायद ठीक कहते हैं. 7 INVA जानता हूँ युवराज ! और उनकी चिंता का कारण भी जानता किंतु महामात्य ! महाराज का कष्ट जानते हुए भी आप उसे दूर करने का कोई उपाय क्यों नहीं किया ! क्या जानते हैं। महामात्य! जरा खुलकर बताइए! उपाय इतना सरल नहीं है!Page Navigation
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