________________
जैन चित्रकथा उस रथ पर बैठ कर युवराज राजकुमारी चेलना के साथ बड़ी तेजी से राजगृह की ओर बढ़ चला.
Ce
क्या मैनेयह उचित किया है? प्रेम के उन्मादमे मैं अपना विवेक खो बैठी. शायद ज्येष्ठाने ठीक किया. मुझे वापस
जाना चाहिए.
D
हे श्रेष्ठी! मुझे अपने माता-पिता की याद राजकुमारी जी, अब तो वापस लौटना किसीभी सता रही है. आप मुझे वापस प्रकार संभव नहीं है. अब तक आपके पिताजी वैशाली ले चलें.
को पता लग गया होगा. वह हमें जान से मरवा देंगे.
52
26