Book Title: Maharani Chelna Ki Vijay
Author(s): Rajni Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 31
________________ चेलना उधर राजा श्रेणिक बिंबसार के राज दरबार में . महाराज! गंगा के उस पार वैशाली की सेनाएं आकर खड़ी है. वे किसी क्षण गंगा पार करके मगध पर आक्रमण कर सकती सेनापति! यह कोई अनहोनी नहीं है. हमें तो इसकी आशा थी. आप राजकुमार अभयकुमार SNAN को साथ लें और वैशालीकीसेना का मुकाबला करें. POSss LUMINIMARATIMATRA अगले ही क्षण मगध की सेनाएं युवराज अभय कुमार के साथ चल दी. rnrnrLISLIrn महारानी जी । सुना है, गंगातट पर वैशाली की सेनाएं आकर खड़ी हैं. वे मगध पर आक्रमण करने वाली हैं.युवराज - अभयकुमार सेना लेकर उनसे युद्ध करने। जारहे है. SAMRAT मैं जानतीहं कि यह युद्ध क्यों होने वाला है. इसका " कारण मैं हूं.किंतु मेरे कारण हजारों लोगों का रक्त बहे,यह तो उचित नहीं होगा.मुझे तत्काल कुछ करना होगा. JUUUUUU 29

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