Book Title: Maharani Chelna Ki Vijay
Author(s): Rajni Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 23
________________ राजा श्रेणिक जैन धर्म के परम भक्त हैं. वह अनेक गुणों के भंडार हैं. www चेलना राजा श्रेणिक के जैसा कोषबल भी आज भारत में किसी अन्य राजा के पास नहीं है, उनके समान धर्मात्मा गुणी तथा प्रतापीराजा इस पृथ्वी पर दूसरा नहीं है. 21 राजा श्रेणिक बिंबसार रुप में कामदेव के समान, बल में विष्णु के समान, ऐशवर्य में इन्द्र के समान हैं. हे राजकन्याओं, हम उन्हीं तथा नगर में रहने वा रत्नों के व्यापारी हैं: हमें यह सौभाग्य प्राप्त है कि हम उनके महल में जब चाहे जा सकते हैं. जब चाहे उनसे मिल सकते हैं.

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