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चेलना
हाँ! किंतु हमें अपने वस्त्र बदलने होंगे, जिससे लोगे हमें पहचान न पाएं.
दोनों राजकुमारियाँ चैत्यालय के निकट आयीं. कितना सुंदर चैत्यालय है. सुंदर मनोहारी. सोने के सिंहासन पर भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा स्थापित है. उनके सिर पर शेषनाग के सातों फन
सुशोभित
हैं:
उधर रत्नप्रकाश जौहरी के वेश में जिन भगवान की पूजा कर रहे युवराज अभय कुमार को सूचना मिल गयी कि दो राजकुमारियाँ आ रही हैं.
| इस प्रकार राजमहल से निकलकर वे युवराज अभय कुमार के चैत्यालय की ओर चल दी.
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दोनों राजकुमारियाँ हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है. णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आयरियाण
णमो उवज्झायाणं
णमो लोए सव्व साहूणं.