Book Title: Maharani Chelna Ki Vijay
Author(s): Rajni Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 12
________________ विचार उत्तम है, युवराज ! तब आप ही बताएं कि इस काम के लिए वैशाली किसे भेजना है ? क्या ? युवराज आप अपने प्राण संकट में डालेंगे ? यह उचित न होगा. जैन चित्रकथा घबराइए नहीं महामात्य ! मुझे कुछ नहीं होगा. 10 किसे भेजना है ? अरे यह काम तो स्वयं मैं करूंगा. क्या आपको मेरी वीरता और साहस पर संदेह है ? मैं रत्नों का एक जैन व्यापारी बन - कर जाऊंगा सबको वश में करके मैं चेलना को सुरंग मार्ग से यहाँ ले आऊंगा.

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