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जैन चित्रकथा | फिर भी मैं उनको राजनीतिक दांवपेंच समझाकर)। वे गुप्तचर वैशाली के समाचार आपको देंगे मनाने का प्रयत्न करूंगा. और हा, मैं आजही और यदि आप कोई समाचार यहाँ भेजना कुछ गुप्तचर वैशाली के लिए रवाना चाहेंगे तो उन्हें वे ला सकेंगे.
कर रहा हूं.
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ठीक है।
अगले दिन युवराज अभयकुमार ने रत्नों के व्यापारी के वेश में वैशाली के लिए प्रस्थान किया.
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वैशाली नगर में पहुंचकर उन्होंने राजा चेटक से मिलने का प्रयत्न आरंभ किया. महामंत्री से मिले. मैं जंबूद्वीप से आया हूं. मेरा नाम रत्नप्रकाश है. मेरे साथ सेठ माणिकचंद और हीरालाल भी है. हम रत्नों के व्यापारी है.महामंत्रीजी कृपया महाराज चेटक से मिलने का समय दिलाइए.