Book Title: Logassa Ek Sadhna Part 01 Author(s): Punyayashashreeji Publisher: Adarsh Sahitya Sangh Prakashan View full book textPage 9
________________ आशीर्वचन जैन प्राकृत वाङ्मय में 'उक्कित्तणं-लोगस्स' एक महत्त्वपूर्ण कृति है। उसमें वर्तमान अवसर्पिणी के चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति की गई है और उसके साथ-साथ कुछ पवित्र कामनाएं भी की गई हैं। उसकी साधना अपने आपमें महत्त्वपूर्ण है। साध्वी पुण्ययशाजी ने एक अच्छा ग्रंथ तैयार किया है। पाठकों को उससे साधना का पथदर्शन प्राप्त हो। शुभाशंसा। केलवा (राजस्थान) -आचार्य महाश्रमण २१ अक्टूबर २०११Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 254