Book Title: Katantra Vyakaranam Part 02 Khand 02
Author(s): Jankiprasad Dwivedi
Publisher: Sampurnanand Sanskrit Vishva Vidyalay
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७१३. सार्वभौमः ७१४. साश्वत्थम् ७१५. साहसिकश्चौरः ७१६. साक्षी ७१७. सुतूःषु ७१८. सुपी षु ७१९. सुमद्रम् ७२०. सुवर्णालंकारः ७२१. सुषामा ७२२. सुसन्धिः ७२३. सेनानीः ७२४. सोमपम् ७२५. सौम्भनागरः ७२६. सौवरः ७२७. सौवश्विः ७२८. सौवस्तिकः ७२९. सौस्नातिकः ७३०. स्तुतिनिन्दा ७३१. स्तोकान्मुक्तप्रियः
परिशिष्टम्-६ ५४१ |७३२. स्मृत्यर्थः ४१० |७३३. वक्त्वचिनी
| ७३४. स्रौनीभार्यः ७३५. स्वध्यायः ७३६. स्ववान् ७३७. स्वागतिकः ७३८. स्वाध्वरिकः ७३९. स्वामी ७४०. स्वाम्पि ७४१. हस्तपतिनी ७४२. हस्तेबन्धः ७४३. हारिद्रम् ७४४. हास्तिकम् ७४५. हास्तिशीर्षिः
| ७४६. हिमानी ४५२ |७४७. क्षीरपाणाः ३३९ |७४८. क्षीरोदः २६८ |७४९. क्षुद्रजन्तुकाः
५४९
५४९ १३१,१८४
२१२ २४० २६८ ४४१
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