Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 15
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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हस्तलिखित जैन साहित्य १.१.१५
४१९ ३०. पे. नाम. नाणपंचमी स्तवन, पृ. ३०आ-३१आ, संपूर्ण.
नेमिजिन स्तव, प्रा., पद्य, आदि: वंदामि नेमिनाह पंचम; अंति: कीत्तिराय मणोहरो, गाथा-११. ३१. पे. नाम. पंचपरमेष्टिनमस्कार स्तोत्र, पृ. ३१आ-३३आ, संपूर्ण.. नमस्कार महामंत्र पद, आ. जिनवल्लभसूरि, मा.गु., पद्य, वि. १२वी, आदि: किं कप्पत्तरू रे; अंति: तणी सेवा देज्यो
नित, गाथा-१३. ३२. पे. नाम. नवग्रहगर्भित पार्श्वजिन स्तवन, पृ. ३३आ-३४अ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन स्तोत्र-नवग्रहगर्भित, प्रा., पद्य, आदि: अरिहं थुणामि पास; अंति: पुरओ विचिटुंतु, गाथा-१३. ३३. पे. नाम. चैत्रीपूर्णिमा स्तवन, पृ. ३४अ-३५आ, संपूर्ण.. शत्रुजयतीर्थ स्तवन, वा. साधुकीर्ति, मा.गु., पद्य, आदि: पय पणमी रे जिणवरना; अंति: साधुकीरति इम कहै,
गाथा-१७. ३४. पे. नाम, थंभनपार्श्वजिन स्तवन, पृ. ३५आ-३८आ, अपूर्ण, पू.वि. बीच व अंत के पत्र नहीं हैं. ___पार्श्वजिन स्तवन-स्तंभनतीर्थ, उपा. कुशललाभ, मा.गु., पद्य, आदि: प्रभु प्रणमुरे पास; अंति: (-), (पू.वि. गाथा १
अपूर्ण व गाथा ६ अपूर्ण से गाथा १६ अपूर्ण तक है.) ३५. पे. नाम. ऋषभदेव स्तवन, पृ. ४१अ-४२आ, अपूर्ण, पू.वि. प्रारंभ के पत्र नहीं हैं. शत्रुजयतीर्थ बृहत्स्तवन, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, आदि: (-); अंति: समयसुंदर गुण भणै, गाथा-३२,
(पू.वि. गाथा २ अपूर्ण से है.) ३६. पे. नाम. मौनएकादशी स्तवन, पृ. ४२आ-४३अ, संपूर्ण. मौनएकादशीपर्व स्तवन, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, वि. १६८१, आदि: समवसरण बइठा भगवंत; अंति:
समयसुंदर कहो द्याहडी, गाथा-१३. ३७. पे. नाम. महावीरजिन स्तवन, पृ. ४३आ-४४आ, संपूर्ण. ___ महावीरजिन विनती स्तवन-जेसलमेरमंडन, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, आदि: वीर सुणो मोरी वीनती; अंति:
थुण्यो त्रिभुवन तिलो, गाथा-१९. ३८.पे. नाम. पोसहविधि स्तवन, पृ. ४४आ-४८अ, अपूर्ण, पू.वि. बीच का एक पत्र नहीं है. पौषधविधि स्तवन, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, वि. १६६७, आदि: जेसलमेर नगर भलो जिहा; अंति:
समयसुंदर भणै सीस, ढाल-५, गाथा-३७, (पू.वि. गाथा १७ अपूर्ण से गाथा ३४ अपूर्ण तक नहीं है.) ३९. पे. नाम. शीतलनाथ स्तवन, पृ. ४८अ-४९अ, संपूर्ण. शीतलजिन स्तवन-अमरसरपुरमंडन, उपा. समयसुंदर गणि, रा., पद्य, आदि: मोरा साहिब हो; अंति: समयसुंदर०
जनमन मोह ए, गाथा-१५. ४०. पे. नाम. सीमंधरस्वामी स्तवन, पृ. ४९अ-५०आ, संपूर्ण. सीमंधरजिन स्तवन-बृहत्, वा. पद्मराज, मा.गु., पद्य, आदि: महिय महिमावंतू ए; अंति: गणि पदमराज पभणै जगीस,
गाथा-१९. ४१. पे. नाम. ज्ञानपंचमी स्तवन, पृ. ५०आ-५२अ, संपूर्ण. ज्ञानपंचमीपर्व महावीरजिन स्तवन-बृहत्, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, आदि: प्रणमुं श्रीगुरुपाय; अंति: भगति
भाव प्रसंसीयो, ढाल-३, गाथा-२०. ४२. पे. नाम. सत्तरभेदीपूजा स्तवन, पृ. ५२अ-५४आ, संपूर्ण. १७ भेदी पूजा, मु. जिनप्रभसूरि शिष्य, मा.गु., पद्य, आदि: आदिजिण पमुह चउवीस; अंति: गुरु सीस जपै सुहकरो,
ढाल-६, गाथा-३४. ४३. पे. नाम. तीर्थावली स्तवन, पृ. ५४आ-५५अ, संपूर्ण. २४ जिन तीर्थमाला स्तवन, उपा. समयसुंदर गणि, मा.गु., पद्य, आदि: सेजेजे रीषभ समोसर; अंति: समयसुंदर कहे
एम, गाथा-१६.
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