Book Title: Kailas Shrutasagar Granthsuchi Vol 15
Author(s): Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba
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४७८
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कैलास श्रुतसागर ग्रंथ सूची
महावीरजिन स्तोत्र - कारकक्रियारूपाष्ट गुप्त- टिप्पण, सं., गद्य, आदि (-); अंति: (-).
१४. पे. नाम. चतुर्विंशति नमस्कार सह टिप्पण, पृ. १३-१४अ, संपूर्ण.
२४ जिन नमस्कार स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: अतुल्य कल्याण विधायक; अंतिः परानिभंसवर वीतदभ, श्लोक-२४.
२४ जिन नमस्कार स्तोत्र- टिप्पण, सं., गद्य, आदि (-); अंति: (-).
१५. पे. नाम. पार्श्वनाथ द्वात्रिंशिका स्तव सह टिप्पण, पृ. १४अ - १५अ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: श्रीपार्श्व तं स्तुव अंतिः नय नवध्वानवर तम्, श्लोक-३२. पार्श्वजिन स्तोत्र - टिप्पण, सं., गद्य, आदि: (-); अंति: (-).
१६. पे. नाम. महावीर स्तवन, पृ. १५अ - १५आ, संपूर्ण.
महावीरजिन स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्म, आदि देवोपचारी ममशर्मकारी अंतिः वितानं संमदादेकतानम्, श्लोक- ५.
१७. पे. नाम, सीमंधरस्वामी स्तवन, पृ. १५ आ- १६अ, संपूर्ण.
सीमंधरजिन स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्म, आदि: पुनाति यः पूर्वमहा अंतिः समोवर सिद्धिशीर्षे श्लोक-११. १८. पे. नाम गौतमस्वामी स्तवन, पृ. १६अ १६आ, संपूर्ण.
गौतमस्वामी स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: प्रभूतविद्याभिरभून्न, अंति: मूर्तितमिच्छेत् श्लोक-११. १९. पे. नाम. पार्श्वनाथ स्तवन, पृ. १६आ- १७अ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: ब्रह्माजिह्मलयं कृता; अंतिः निर्माति मुक्तारणम्, श्लोक १०. २०. पे. नाम. सीमंधरस्वामी स्तवन, पृ. १७अ - १८अ, संपूर्ण.
सीमंधरजिन स्तोत्र, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि उत्पत्तिः पूर्वाको, अंति: वरसोकर्मशर्माश्रुवीत, श्लोक ८. २१. पे. नाम जीरापल्ली पार्श्व स्तव, पृ. १८-१८आ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन स्तवन- जीरापल्ली मंडन, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: भक्त्या यस्याभिषेकः ; अंतिः शिवं स व्रजेत्, लोक- ९.
२२. पे. नाम. सर्वजिन स्तवन, पृ. १८आ - १९अ, संपूर्ण.
पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: भवतोरक्षतोदेव भवतोभव, अंति: हंतार महसातरसा समानः श्लोक-११.
२३. पे. नाम. सर्वजिन स्तवन, पृ. १९अ - १९आ, संपूर्ण.
पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि जिना नौमि देवाधिदेवं अंतिः स्वर्गभाजामनिंद्यः, श्लोक १०.
२४. पे. नाम. पंचजिन स्तवन, पृ. १९आ - २१अ, संपूर्ण.
पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: ऋषभतमभिसूरत्वं शिवं; अंतिः कल्पः कामभेकोहिकल्पः, श्लोक-२४. २५. पे नाम, शांतिनाथ स्तवन, पृ. २१अ-२२अ, संपूर्ण
शांतिजिन स्तवन- गुरुनामगर्भमष्टदलकमल, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि नतजनततिशांते ये स्मर अंतिः प्रस्तसर्वाधिरिद्धम्, लोक- ९.
२६. पे. नाम. साधारणजिन स्तवन, पृ. २२अ, संपूर्ण.
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पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: जनलंभितशांतिदयाकामलं; अंति: निर्विलंबं जनं तम्, श्लोक ९.
२७. पे. नाम. पार्श्वनाथ स्तवन, पृ. २२आ-२३अ, संपूर्ण.
पार्श्वजिन स्तवन, पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: प्रभु मस्तसमस्त महा; अंति: निर्विलंब जनं तम्, श्लोक-१२. २८. पे. नाम. साधारणजिन स्तवन, पृ. २३अ - २३आ, संपूर्ण.
पं. शीलशेखर गणि, सं., पद्य, आदि: जिनसदानसदासदाभवान् अंतिः विनमामि सादरम् श्लोक-११.
२९. पे. नाम. मुनिसुव्रतस्वामी स्तवन, पृ. २३-२४अ, संपूर्ण.

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