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जिंदगी इम्तिहान लेती है
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हो जाये। परमात्मा का सहारा कभी नहीं छोड़ना । जनम-जनम उनके चरणों की सेवा मिलती रहे... यही मनोकामना करना ।
१०-८-७७
डभोई
यहाँ कुशलता है। कई दिनों से आकाश बादलों से छाया हुआ है। बरसात ही बरसात है। तपश्चर्या करने वाले मजे से तपश्चर्या कर रहे हैं... अनुकूल वातावरण मिल गया है न?
तेरी कुशलता चाहता हूँ ।
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प्रियदर्शन