Book Title: Jindgi Imtihan Leti Hai
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 220
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिंदगी इम्तिहान लेती है २०७ असर करती रहती हैं, तब तक सामाजिक मूल्यांकनों का अपलाप नहीं किया जा सकता। तू जानता है, तेरा अनुभव भी है कि सामाजिक प्रत्याघातों का कितना असर तेरे मन पर होता है। ___ एक बात सुनकर मुझे दुःख हुआ...! दूसरा कोई अनपढ़ और ईर्ष्याग्रस्त मनुष्य ऐसी बात करता तो दुःख नहीं होता परन्तु तुझे मैं अनपढ़ नहीं मानता, तू धर्मग्रन्थों का अभ्यासी है, कुछ योग-अध्यात्म के मार्ग में तेरी अभिरुचि है... फिर भी तू अपनी गलतियों को छिपाने हेतु अपने गुरुजनों की गलतियों को प्रकट करता है!' मैं ही ऐसा करता हूँ क्या? मेरे वे... वे... गुरुजन भी ऐसा करते हैं...।' ऐसा बोलते समय तू अपनी सुरक्षा का ही विचार करता है। परन्तु कभी नहीं भूलना कि दूसरों के दोषों का प्रकाशन कर, कभी भी तू अपनी सुरक्षा नहीं कर पायेगा। - इसका अर्थ तो यह होता है कि तू जो कुछ कर रहा है-इससे तू भयभीत है! तू जैसा है वैसा दुनिया के सामने पेश आने की तेरी हिम्मत नहीं है। 'दूसरे लोग ऐसा आचरण करते हैं, इसलिये मैं भी ऐसा करता हूँ' यह तर्क तेरी निर्दोषता को सिद्ध नहीं कर सकेगा। तू अपनी इज्जत को बचाने के लिये, अपना गौरव अखंडित रखने के लिये, 'विश्वासघात' जैसा पाप करने को तत्पर बना है, यह तो अत्यंत शोचनीय बात है। क्या तेरा यह विश्वास है कि विश्वासघात करके तू अपने आपको सुरक्षित रख पायेगा? तेरे पाप प्रकाशित नहीं होंगे? तू अपने उस मित्र का अनिष्ट कर सकेगा? नहीं कर सकेगा तू उसका कुछ भी अनिष्ट! तू भ्रमणा में भटक रहा है। तू स्वयं बहुत बड़ी आफत में फँस जायेगा... तेरी उज्ज्वल प्रतिभा खंडित हो जायेगी। यदि मेरी राय मान ले तो इस पत्र के मिलते ही तू रुक जा। सावधान हो जा। गलत रास्ते से वापस लौट जा। परन्तु मुझे लगता है कि तू वापस नहीं लौटेगा! चूँकि तू कुछ समय से जिस व्यक्ति के घनिष्ट परिचय में आया है, कदम-कदम पर तू जिसकी राय लेता रहता है, किसी भी प्रलोभन से वह व्यक्ति तुझे अच्छे-बुरे कार्यों में सहयोगी बना रहा है... वह व्यक्ति अब तुझे कहाँ ले जायेगा... मैं कल्पना नहीं कर सकता। मैं जानता हूँ कि तुझे कहाँ तक उसने 'करप्टेड' बना दिया है! चूँकि उसको जो चाहिए वह तेरे परिचय से मिल रहा है! वह अब तुझे नहीं छोड़ेगा! लेकिन एक दिन वही तेरा शत्रु बनेगा और तेरी बुराई करेगा! आज तू मेरी यह बात नहीं मानेगा... मैं जानता हूँ और तू मुझसे संपर्क भी कम करने का सोच रहा है, वह भी मैं जानता हूँ! For Private And Personal Use Only

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