Book Title: Jindgi Imtihan Leti Hai
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 231
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २१८ जिंदगी इम्तिहान लेती है आवश्यक सुखों का भोग-उपभोग करना एक बात है, और सुख पाने की एवं सुखोपभोग की कल्पनाएँ करते रहना, दूसरी बात है। कोई अर्थ नहीं है ऐसी कल्पनाएँ करने का। तू भी सोचना, तेरे जीवन को केन्द्र में रखकर सोचना कि ऐसी कल्पनाएँ करने का है कोई विशेष अर्थ? तू आन्तरमंथन करेगा तो तुझे स्पष्ट दिखाई देगा कि भिन्न-भिन्न अनेक सुखों की कल्पनाएँ करना व्यर्थ है, निरर्थक है। इन कल्पनाओं से मन को मुक्त करना होगा! हो सकता है मन मुक्त! चाहिए दृढ़ संकल्प और वास्तविक उपाय! इस विषय पर मैंने पहले भी पत्रों में लिखा है। सुखों का त्याग, सुखेच्छाओं का त्याग और सुखभोग की स्मृतियों का त्याग... ज्यों-ज्यों होता जायेगा त्यों-त्यों मनःप्रसन्नता बढ़ती जायेगी, त्योंत्यों धर्मआराधना में स्थिरता भी बढ़ती जायेगी। यह ऐसा जीवन है कि जिसमें दुःख ही ज्यादा है। शारीरिक और मानसिक असंख्य दुःखों से घिरा हुआ है यह जीवन । ऐसे जीवन में सुखों की कल्पनाओं में उलझे रहना बुद्धिमत्ता नहीं है। वैसे दुःखों का रूदन करना भी उचित नहीं है। सहन करने ही हैं दुःख, सहन किये बिना जब छुटकारा ही नहीं है, फिर प्रसन्न चित्त से और प्रसन्न मुख से सहन क्यों न किये जायें? सुख-दुःख के विषय में मन निराग्रही बन जाना चाहिए । 'दुःख नहीं आने चाहिए, सुख ही मिलने चाहिए, रहने चाहिए...' ऐसा आग्रह छोड़ देना चाहिए | सुख को आना हो तो सुख आये, दुःख को आना हो तो दुःख आये, कोई आग्रह नहीं! बस, कर्त्तव्य की भूमिका को निभाते चलो और परमात्मा के पथ पर चलते रहो। मन के प्रश्नों का समाधान ढूंढ़ने के अनेक रास्ते इन पत्रों में बताये हैं, बस, मन का समाधान करते रहो। प्रश्नों में मन को उलझा हुआ मत रखो। उलझनों से मन को मुक्त रखो। यदि इस कार्य में मेरे पत्र तुम्हारे काम आ जायेंगे तो मुझे आनन्द होगा। जीवन की भिन्न-भिन्न घटनाओं के संदर्भ में कैसे विचार करना, कैसा अभिगम बनाना और कैसा व्यवहार करना, इन बातों को बताने का शक्य प्रयास मैंने किया है। तेरा जीवन निरापद और निराकुल बना रहे, तेरी जीवनयात्रा मुक्ति की ओर आगे बढ़ती रहे, यही मेरी मंगल कामना है और रहेगी। इसी मंगल कामना ने मुझे प्रेरित किया है, इन पत्रों को लिखने के लिये! For Private And Personal Use Only

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