Book Title: Jindgi Imtihan Leti Hai
Author(s): Bhadraguptasuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 221
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जिंदगी इम्तिहान लेती है २०८ खैर, जैसी भवितव्यता! जिसको जैसा बनना है, बनके रहेगा ! उसको कोई नहीं रोक पाता! तुम्हारे प्रति मेरे हृदय में जो स्नेह का झरना बह रहा है, उससे प्लावित होकर ही यह पत्र लिख रहा हूँ। जब तक मुझे विश्वास है कि मेरे पत्र से तू प्रसन्न होता है, तुझे मेरे पत्र की अपेक्षा है, चाह है, तब तक लिखता रहूँगा...। परन्तु जब वह विश्वास नहीं रहेगा, लिखना स्वतः बंद हो जायेगा । जब ऐसी-ऐसी बातें सुनता हूँ, पढ़ता हूँ... तब मूल कारण खोजने लगता हूँ। तेरा पत्र पढ़कर मैं कुछ दिनों तक सोचता रहा। मुझे लगा कि पारलौकिक दृष्टि के अभाव में ही ऐसी मानसिक कलुषिततायें पैदा होती हैं। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मात्र वर्तमानकालीन सुख - दुःख के विचार, मन में असंख्य विकार पैदा कर देते हैं। पारलौकिक विचारधारा यदि हृदयगिरि में नहीं बहती रहती है तो अस्थिरता, चंचलता और दिशाशून्यता से जीवन भर जाता है। तू सोचना, शान्ति से सोचना, क्या कभी तुझे पारलौकिक विचारों का स्पर्श होता है ? वर्तमान जीवन की क्षणिकता ने कभी तुझे विचारमग्न कर दिया है ? ठीक है, तुझे जैसा जीवन पसन्द हो, तू जी सकता है। तू किसी का भी नियंत्रण चाहता नहीं है, यह मैं जानता हूँ । नियंत्रण नहीं मार्गदर्शन भी शायद तुझे पसन्द नहीं आ रहा है! तेरी गुरुताग्रन्थि, तुझे किसी की भी सलाहमार्गदर्शन लेने से रोकती है ! मेरे इस पत्र को शान्ति से पढ़ना । दिमाग से सोचना... । भविष्य का विचार करना। तेरा कोई मित्र नहीं रहेगा तो भी चलेगा न ? सोच लेना । तू अपने प्रति निःस्वार्थ स्नेह रखनेवाले मित्रों के प्रति भी विश्वासभंग करेगा, तो तेरे कौन मित्र बनेंगे? तेरे प्रति कौन विश्वास करेगा, वगैरह बातें स्वस्थता से सोचना । यदि उचित लगे तो सोचना ! मेरा आग्रह नहीं है । हम सभी कुशल हैं नया अंजार (कच्छ) १-७-८० तेरा स्वास्थ्य कैसा है ? मानसिक तनाव शरीर पर असर करते हैं, इसलिये स्वास्थ्य का खयाल करना । परिचितों को धर्मलाभ सूचित करना । यह पत्र तुझे मिलेगा उसके पहले भूज में हमारा चातुर्मास प्रवेश हो गया होगा! अंजार में धारणा से ज्यादा रुकना हुआ। जगह अच्छी है। लिखने का, पढ़ने का काम अच्छा हुआ । प्रवचनों से जनता को तो अच्छा लाभ हुआ है ! - For Private And Personal Use Only - प्रियदर्शन

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