Book Title: Jinabhashita 2009 10 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 3
________________ रजि. नं. UPHIN/2006/16750 अक्टूबर 2009 वर्ष 8, अङ्क 10 मासिक जिनभाषित सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन अन्तस्तत्त्व पृष्ठ कार्यालय . काव्य : करुणारस और शान्तरस में भेद-२ ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल-462 039 (म.प्र.) : आचार्य श्री विद्यासागर जी आ.पृ. 2 फोन नं. 0755-2424666 • काव्य : दश धर्म : मुनि श्री योगसागर जी आ.पृ. 3 सम्पादकीय : हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा में प्रमत्तयोग एवं सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़ अनर्थदण्ड पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर प्रवचन : क्या श्रमणाभास पूजनीय हैं? . डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत : आचार्य श्री विद्यासागर जी प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती'. बरहानपर .. लेख • जैन कर्म सिद्धान्त : स्व. पं० मिलापचन्द्र जी कटारिया 11 शिरोमणि संरक्षक . आचार्य शुभचन्द्र और उनका ज्ञानार्णव श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी (मे. आर.के.मार्बल) : श्री वसन्त कुमार जैन, मेरठ किशनगढ़ (राज.) • दिग्विजय-आलेख पर टिप्पणी श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर : मूलचन्द्र लुहाड़िया प्रकाशक • सामयिक / सामायिक : स्वरूप और विधि सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, डॉ० पं० पन्नालाल जी साहित्याचार्य 21 आगरा-282 002 (उ.प्र.) | जिज्ञासा-समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा 23 फोन : 0562-2851428, 2852278| • ग्रन्थ समीक्षा : मूकमाटी-मीमांसा : दिव्यप्रेम के काव्य की मीमांसा सदस्यता शुल्क : डॉ० तालकेश्वर सिंह . 26 शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. . काव्य : स्वयम्भूस्तोत्र का पद्यानुवाद परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक 5,000 रु. : पं० निहालचन्द्र जैन आजीवन 1100 रु. वार्षिक समाचार 150 रु. एक प्रति 15 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। 73, 32 लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 36