Book Title: Jinabhashita 2009 10
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 36
________________ रजि नं. UPHIN/2006/16750 प.पू. आचार्य श्री विद्यासागर जी द्वारा रचित अद्वितीय महाकाव्य 'मूकमाठी' पर 283 काव्यमर्मज्ञों द्वारा लिखी गयी समीक्षाओं का संग्रह तीन खण्ड मूकमाटी - मीमांसा मूकमाटी - मीमांसा मूकमाटी-मीमांसा मूकमाटी-मीमांसा भाकरपाका पुधाकरमाया 3 मूकमाटी-मीमांसा मूकमाटी- मीमांसा आचार्य रामणी त्रिपाठी प्रकाशक : भारतीय ज्ञानपीठ स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, 210, जोन-1, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं 1/205 प्रोफेसर कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित। संपादक : रतनचन्द्र जैन। Jain Education Internationaln a For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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