Book Title: Jain Yuga Nirmata
Author(s): Mulchandra Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

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Page 12
________________ (११) १६-भ० महावीरके जीवको सिंह योनिमें मुनिराजका देश... ... ... ... ... 42 १७-श्री 320 सान महावीर सिंमान) ... २८८ २८-१० वीरका आगमन- अश्वमेध यज्ञ बन्द ... , १९-मुनिराज़, श्रेणिकराजा व चेलना रानी... ... २९६ २०-भगवानके समक्सरणा (बारह भा).का दृश्य ... ३५२ २१-इन्द्रभूति सौरमका मालसंबंस देखने की मानभंग ३५३ २२-समंतभद्रस्वामी द्वारा स्वयंभू स्तोत्र रचते ही महा देवकी पिंडी फ्टकर श्री चंद्रप्रभुकी प्रतिमा प्रकट होना व नमस्कार करना ... ... ... ३६८

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