Book Title: Jain Yuga Nirmata
Author(s): Mulchandra Jain
Publisher: Digambar Jain Pustakalay

View full book text
Previous | Next

Page 11
________________ जन युगनिर्मात-चित्रसूत्री। नं० चित्र १-श्री तीर्थकाकी मामाके सोलह स्त्र ... ... . २-पांडुक शिलाप श्री बीर्थकरके जन-कल्याणका ३-श्री १००८ कर्मयोगी भगवान की ऋषभदेव ... १६ ४-सुलोचना स्वयंवर व मेघेश्वर जयकुमार ... ३२ ५-भारतके आदि चक्रवर्ति सम्राट् भरतके १६ स्वप्न ४८ ५-भ० ऋषभदेवको राजा श्रेयांसकुमार इक्षुरसका आहार दे रहे हैं ... ... ... ... ... ६४ ७-महाबाहु श्री बाहुबलि- श्री कोमहस्वान करमेला ८० ८-सीनाजीकी अमि-फरीक्षा (अपिका सरोवर बनजाना) १२८ ९-इमार श्री २०१८ नेमिनाथस्वाझीको मा कमले वैगग्य, विवाह रथ वापिस व गिरनार यमन ... 39% १०-तपस्वी गजकुमार-मुनिराजके मस्तकपर अग्नि जल रही है २०८ ११-पवित्र-हृदय चारुदत्त व वेश्या-पुत्री वसंतसेना २१६ १२-श्री चारुदत्त मुनि आशामें ... ... २२४ १३-श्री पाश्वनाथको पूर्वभाषिका उपसर्ग, धरणेन्द्र तथा पद्मावती देवी सरसम निवारण ... २३२ १४-श्री १००८ भ० माशयबासी चीन प्रतिमाजी) २४० १५-सुकुमार सुकुमाल मुनि अवस्थामें (स्यालनियां आपका भक्षण कर रही है) ... ... ... २७२

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 180