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-जैन युग
ता.१-७-33
:: श्री केसरियाजीतीर्थ श्वेताम्बर समाज से छीनने का प्रयत्न.
आजकल केसरियाजी पर नित्य नवीन घटना घट रही ८ पन्डो को २२०००) और भंडार से दिला दिया गया है. एक बात पुरानी पडती नही फोरन दूसरी नवीन रचना संवत ८७ में जो वर्तमान नरेशनें पूजन प्रक्षाल की हो जाती हैं जिसका लीट इस प्रकार है।
वोली में १) पन्डो को दिलाने और वाकी भंडार जमा १ संवत १९८९ वैशाख वद १४ को स्टेटद्वारा प्राचीन करने वास्ते हुकम दिया था. उसके अनुसार सरकारी
भंडार खोला गया. उसका लीष्ट पबलिश नही करा गया. आदमी नित्य कहता कि यह रूपीया भंडारमें जमा होगा पता नही कितना जदाहरात दागीना नकर रूपा पैसे पन्डो को नही दिया जावेगा. लोगोने विश्वास करके मोहोर सोना चांदी निकला।
धन दिया, बोली बोली, आज उनके साथ विश्वासघात २ श्रावण सुदी १२ संवत ८९ को पूजन प्रक्षाल की करके द्रव्य पन्डो को दीया गया।
समस्त बोली की आमदनी पन्डो को दिला गई. पहेले ९ अंतमें जैनोकी कुमेटी भी तोड दी गई और वैष्णव और पन्डो को रू. १) रोज मिलता था, जिस्से एक वर्ष में दिगाखोरांको मिला कर नवीन कुमेटी बना दी गई। रू.३६०) उनको दिया जाता जिसके बदले दस इस प्रकार हमारा सर्व धन लुटता जा रहा है और हजार प्रतिवर्ष उन्हें दिला दिया।
इस समय जो रूपया है खतरे में सब भाईओंकों चाहिये ३ श्री आत्मानन्द जैन महासभा पंजाब और यंगमेन जैन इस प्रकार तीर्थ की रक्षा करें। सुसायटी अमदाबाद के पूछने पर साफ कह दिया गया
-'जानकार' सिवाय चढावा चढाने के किसी समाजकी ताल्लुक नही20-1) मायाश्री निनी पीस है जैसे और लोग करते हैं. गोया श्वेताम्बर सभाजकी विसनी &ि-रियता ६२-411 जुना पाने
આપ્યાં હતા. પાટણના જ્ઞાનભંડારેની વર્તમાન सत्ताही उठादी।
સ્થિતિ અને આપણું કતવ્ય ' એ વિષય ઉપર અસર जो स्टेटने कमेटी घलेव जैन श्वेताम्बर ओसवालों की वियन थी ये 4 श्री बिसे1साना: बना रखी थी उसके बिना पूछ बड़ी बड़ी रकमें खर्च की पाभा में ये सामान जारी गवाया यir जाने लगी. पचास हजार का पुल बनाया गया. चालीस साना २३मान ता. साना ३ाना हसीना.
ગીની, અને વચને મળી અત્યાર સુધી બારથી તેર હજાર हजार एक जागीरदारको माफ करा गया. चार लाख
રૂપીએની સરવાળો થયે છે. खुद स्टेटने ले लिया। ५ पन्डोने वैष्णवतीर्थ बनाने का प्रयत्न जारी कर दिया. | श्री नन बताभ२ -३२-सतरथी
શેઠ ફકીરચંદ્ર પ્રેમચંદ ૨લરશિપ (પ્રાઈઝ). मुकदमा एकतर्फी चलाया गया और भोग भगवानको
६२ ३सामानु. लाना जारी हो गया।
છેલી મેટ્રીકયુલેશનની પરીક્ષામાં ફતેહમંદ નિવડેલા ६ वैशाख वदी २ संवत ९० को आंघीके झोंके से धजा
જૈન વિદ્યાથીઓ માટે दंड झुक गया जाहीर कीया गया. हातां कि इसमें भी
| મમ શેઠ ફકીરચંદ પ્રેમચંદના નામથી સોંપવામાં
આવેલા ફંડમાંથી કૅન્ફરન્સ ઍફીસ તરફથી એક ફૈલ શિપ एक छुपी घटना थी।
છેલ્લી મેટ્રીકયુલેશનની પરીક્ષામાં-સંસ્કૃત વિષયમાં સેથી ७ वैशाख सुदी ६ संवत १९९० को वैष्णवविधीसे धजा
ઉંચા નંબરે પાસ થનાર જેનને, તેમજ બીજી કૅલરશિપ दंड जो श्री सागरानन्दसूरिने चढवाया था उतार दिया
સુરતના રહેવાસી અને કુલે સૈથી વધારે માસ
મેળવનાર જેને આપવા માટે નક્કી કરવામાં આવ્યું છે. गया, उतारते समय स्टेट पुलिस हथयार बन्द गई थो. એ ર્કોલરશિપને લાભ લેવા ઈચ્છનાર જેન વેતાબાર चारो तर्फ पुलिस का पहारा था. किसी यात्री को जाने | મૂર્તિપૂજક વિદ્યાર્થીઓએ-માર્કસ વગેરે સર્વ વિગત સાથે नही दिया गया. भगवान को सूतकी जनेउ पहराई गई
-जीयना २यणे ता. २०-७-33 सुधीमा ७७ ३पी.
શ્રી જેવેતાંબર કૈફન્સ,) શા. રણછોડભાઇ રાયચંદ્ર सिरपर शिवलिंग की भान्ति धडे में छिद्र करके पानी
ઝવેરી टपकाया गया हवन करा गया और धजांदंड उतार कर
२०, पायधुनी, भुग, मानसा लगवानदास वासे में धजा लगाही हैं।
ता. ११-1-163.
अपेसालिमिट२.
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