Book Title: Jain Shwetambar Conferenceno Itihas
Author(s): Nagkumar Makatai
Publisher: Sohanlal Madansinh Kothari
View full book text
________________
१४७
आ अधिवेशनमां कॉन्फरन्सना ठरावोने पुष्टि आपवा मासिक काढवानो अने प्रथम वार डेलिगेटो माटे रु. २, बे फी लेवानो ठराव थयो हतो ( ठराव ७मो ).
ते उपरांत वडोदरा अधिवेशनमा दरेक जनरल सेक्रेटरीने पोताना प्रांतमांनां दरेक कार्यो संभाळवानी सत्ता आपवामां आवी अने ते प्रमाणे जुदा जुदा जनरल सेक्रेटरीओनी मंजूरी अने अभिप्रायो मंगाववामां जे काळ व्यतीत थतो हतो ते दूर करी, दरेक जनरल सेक्रेटरीने पोताना विभागमा स्वतंत्र रीते कार्य करवानी सत्ता आपवामां आवी हती.
सं. १९६२ना फागण मासमां पाटणखाते मळेली चोथी कॉन्फरन्स वखते ते वखतना जनरल सेक्रेटरीओने कामकाजमां मदद करवा अर्थे तेटली ज सत्ता साथे शेठ जीवणचंद धरमचंद, शेठ कुंवरजी आणंदजी अने शेठ माणेकलाल घेलाभाईनी आसिस्टन्ट जनरल सेक्रेटरीओ तरीके निमणूक करवामां आवी हती. शेठ फकीरचंद प्रेमचंद, जे. पी.ना अवसान पछी शेठ वीरचंद दीपचंद, सी. आई. ई.ने रेसिडन्ट जनरल सेक्रेटरी तरीके नीमवामां आव्या हता.
सं. १९६३मां अमदावाद खाते भरायेला पांचमा अधिवेशनमां कॉन्फरन्सनुं बंधारण मजबूत बनाववा दरेक जैन पासेथी उघराणुं करवा, जेम बने तेम ओछा खर्चे अधिवेशन भरवा, कॉन्फरन्सना मुखपत्र जैन हॅरोल्डमां कॉन्फरन्स संबंधी कार्यनी खबरो उपरांत धार्मिक अने नैतिक विषयो योग्य प्रमाणमा दाखल करवा अने कॉन्फरन्सना ठरावोनो जुदै जुदे स्थळे अमल थाय ते माटे प्रान्तिक
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216