Book Title: Jain Shwetambar Conferenceno Itihas
Author(s): Nagkumar Makatai
Publisher: Sohanlal Madansinh Kothari

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Page 185
________________ १७६ १६. जैन शास्त्रीय शिक्षण . .... आ कॉन्फरन्सनो एवो पाको मत छे के जेम बीजा क्षेत्रमा तेम शास्त्रीय क्षेत्रमा पण जैन परंपराए आ युगना विकसित मानस साथे पूर्णपणे मेळ खाय तेवु अने उच्च विद्याधामोमां पोतानुं प्रतिनिधित्व करी शके तेवं मानस धरावनारी व्यक्तिओ तैयार करवानी जरूर छे. वेथी आ कॉन्फरन्स ठराव करे छे के जैन शास्त्रनुं उच्चतर अने उच्चतम शिक्षण आपवा-अपाववानी घटती समर्थ एवी बधी सगवड करवी ते माटे थोडा पण अधिकारी उमेदवारो जेमां मुख्यपणे संस्कृत शिक्षण लीधेल पंडितो अने मुख्यपणे कॉलेजनुं शिक्षण लीधेल स्नातकोनो समावेश थाय छे तेमने पसंद करवा अने. तेमने विद्याभ्यास माटे जरूरी एवी बधी सगवड पूरी पाडवी. (पंदरमुं निंगाळा अधिवेशन, ठराव छठ्ठो) १७. बेकारीनिवारण. "बेकारीनिवारणने माटे नीचेनी बाबतो उपर आ कॉन्फरन्स जैन समाजनुं ध्यान खेंचे छ :(१) स्थायी समितिना आश्रय नीचे एक एवी बेकारीनिवारण मध्यवती संस्था (Central Bureau) ऊभी करवी, ज्यां नोकरी रहेवा इच्छनार अने नोकरी राखवा इच्छनारनी संपूर्ण विगतवार नोंधो राखवामां आवे अने बन्नेनो सहयोग मेळवी आपवानी गोठवण करी आपवामां आवे. (२) ने जैन गृहस्थो हस्तक मोटां कारखानांओ, पेढीओ के ऑफिसो चालतां होय तेनी एक यादी स्थायी समितिए तैयार कराववी अने तेओ मारफत बने तेटला जैनोने गोठववानी हिलचाल स्थायी समितिए हाथ धरवी. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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