Book Title: Jain Shwetambar Conferenceno Itihas
Author(s): Nagkumar Makatai
Publisher: Sohanlal Madansinh Kothari
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- आ बंधारणथी प्रतिनिधिनी फी रु. ३, अने भोजनसहित रु.५, ठराववामां आवी हती. हेडऑफिस मुंबईमां ज राखवानी हती. अधिवेशन दर बे वर्षे भरवानी कलम बंधारणमां दाखल करवामां आवी हती.
सं. १९८१मां मुंबईमां मळेला कन्वेन्शन संमेलने बंधारणमां केटलाक सुधारावधारा का. खास करीने कॉन्फरन्स अत्यार सुधी राजकीय प्रश्नोनी विचारणा हाथ धरी शकती नहोती. तेथी उद्देशमां " राजकीय" शब्द उमेरी जैनसमाजने स्पर्शता राजकीय प्रश्नो संबंधी विचारणा चलाववा बाबत कॉन्फरन्सना उद्देश विस्तृत करवामां आव्यो. न्यायना, संघना, महाजनना अने पंचना तकरारी विवादग्रस्त विषयो कॉन्फरन्स हाथ धरी शकशे नहि एम ठराववामा आव्यु. अधिवेशन बे वर्षने बदले दर वर्षे भरवान ठराववामां आव्यु. अधिवेशनमा प्रतिनिधि तरीके स्त्रीओ पण आवी शके ए रीते स्त्रीओने प्रतिनिधित्वनों अधिकार आपवामां आव्यो. दरेक ग्रेज्युएट प्रतिनिधि तरीके आवी शकतो हतो तेने बदले कॉन्फरन्स
ऑफिसना रजिस्टरमा जेमनां नाम रजिस्टर कराव्यां होय तेवा ग्रेज्युएट्सनो ज प्रतिनिधित्वनो हक स्वीकारवामां आव्यो. स्टेन्डिग कमिटीना सभ्योनी वार्षिक फी रु. ५ ठराववामां आवी. जनरल सेक्रेटरीओनी संख्या चारने बदले पांचनी करवामां आवी. आसिस्टन्ट जनरल सेक्रेटरीओनी जग्या रद करवामां आवी. बीजा पण केटलाक नजीवा पण वहीवटनी दृष्टिए जरुरी एवा फेरफार करवामां आव्या हता.
" बंधारण” हजी पण जोईए तेवं कार्यक्षम नथी एवं
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