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जैन ज्योतिर्लोक
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मध्यलोक का वर्णन
मध्य लोक १ राजू चौड़ा श्रोर १ लाख ४० योजन' ऊंचा है। यह चूड़ी के आकार का है । इस मध्यलोक में प्रसंख्यात द्वीप श्रीर असंख्यात समुद्र है |
जंबूद्वीप का वर्णन
इस मध्यलोक में १ लाख योजन व्यास वाला अर्थात् ४०००००००० (४० करोड़) मील विस्तार वाला जंबूद्वीप स्थित है । जंबूद्वीप को घेरे हुये २ लाख योजन विस्तार (व्यास) वाला लवण समुद्र है । लवण समुद्र को घेरे हुये ४ लाख योजन व्यास वाला घातकी खंड द्वीप है । धातकी खंड को घेरे हुये ८ लाख योजन व्यास वाला वलयाकार कालोदधि समुद्र है । उसके पश्चात् १६ लाख योजन व्यास वाला पुष्करवर द्वीप है । इसी तरह आगे-आगे द्वीप तथा समुद्र कम से दूने दूने प्रमाण वाले होते गये हैं ।
१. प्रसंख्यातों योजनों का १ राज होता है और १४ राजू ऊंचे लोक में ७ राजू में नरक एवं ७ राजू में स्वर्ग हैं। इन दोनों के मध्य में १ लाख ४० योजन ऊंचा सुमेरू पर्वत है। बस इसी सुमेरू प्रमारण ऊंचाई वाला मध्यलोक है जो कि ऊर्ध्व लोक का कुछ भाग है और वह राज में ना कुछ के समान है । प्रतएव ऊंचाई में उसका वर्णन नहीं श्राया ।