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वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला ढाई द्वीप एवं दो समुद्र संबंधि सूर्य
चन्द्रादिकों का प्रमाण
द्वीप-समुद्र में
चन्द्रमा
।
जंबूद्वीप में
लवण समुद्र घात को खण्ड कालोदधि समुद्र पुष्कराद्ध द्वीप
नोट-मवंत्र ही १-१ चन्द्र १-१ सूर्य(प्रतीन्द्र)८८-८८ ग्रह, २८-२८
नक्षत्र एवं ६६ हजार ६७५ कोडाकोड़ी तारे हैं। इतने प्रमाण परिवार देव समझना चाहिये । इस ढाई द्वीप के आगे-मागे असंख्यात द्वीप एवं समुद्र पर्यत दूने-दूने चन्द्रमा एवं दूने-दूने सूर्य होते गये हैं। मानुषोत्तर पर्वत के पूर्व के ही ज्योतिक
देवों का भ्रमण मानुषोत्तर पर्वत से इधर उधर के ही ज्योतिर्वासी देव गण