Book Title: Jain Jyotirloka
Author(s): Motichand Jain Saraf, Ravindra Jain
Publisher: Jain Trilok Shodh Sansthan Delhi

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Page 147
________________ ८२ जन ज्ञानोदय ग्रन्थमाला ऐसा कहते हैं कि सूर्य बिंब चन्द्र बिंब के प्रमाण में जैनाचार्यों के दो मत हैं। यह बात गलत है हिन्दी गलत होने से दो मत नहीं हो सकते हैं। जैनाचार्यों के सभी शास्त्रों में सूर्य बिंब, चन्द्र बिंब प्रादि के विषय में एक ही मत है इसमें विसंवाद नहीं है। ज्योतिर्लोक सम्बन्धि ज्योतिर्वासी देवों का सामान्यतया वर्णन समाप्त हुआ, विशेष जानकारी के लिए इस विषय संबंधि ग्रन्थों का अवलोकन करना चाहिए। इस लघु पुस्तिका में महान् ग्रन्थों का सार रूप संकलन मैंने अपनी प्रल्प बुद्धि से मात्र गुरु के प्रसाद से ही प्रस्तुत किया है। पाठक गण ! सच्चे देव शास्त्र गुरु के प्रति अपनी श्रद्धा को दृढ़ रखते हुए उनकी वाणी पर निःशंक विश्वास करके सम्यकदृष्टि बनकर स्वर्ग-मोक्ष की प्राप्ति करें। यही शुभ भावना है।

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