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जिनगुणहीरपुष्पमाला
इस भव पारके माये, भवो भव भटकते आयेः तारक त्रिलोकके पाये, निहारोगे तो क्या होगा. अगम शक्ति प्रभु धारी, तारे है नर अरु नारी; हमारे कर्म णा भारी, हटावोगे तो क्या होगा. सूरि राजेन्द्र गुरु ज्ञानी, जिनकी मीठी है वानी; अतने सत्य दिल जानी, पिलावेोगे तो क्या होगा. ५
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( २६ )
( गजल )
हमसे दूर रहो तुम यार, नकली जैन कहाने वाले टेर
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भूल्या कुल मर्यादा भान, बन्या अब होटलिया हेवानः hi पयगम्बर क्रिस्तान, फेशन नवी चलाने वाले. हम०१ अभक्ष्य अनंतकाय खाराक, भांग वीडी ब्रान्डीनी छाक; वन्यासे खरेखरा नापाक, पुनर्लग्न कराने वाले हम० २ तज्या नय निक्षेपा प्रमाण, जीवराम मिथ्या अभिमानः मात पिता गुरुनुं न ज्ञान, मत पाखंड बढ़ाने वाले. हम ०३ सटा शेत्रज जुआ रमनार, गरीव जीवना करे संहार: are herरयां करनार, संघमे जंग मचाने वाले. हम०४