Book Title: Jain Gajal Manohar Hir Pushpmala
Author(s): H P Porwal
Publisher: Jain Parmarth Pustak Pracharak Karyalay

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Page 46
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मारवाड मेवाड मालवा व गोडवाडके गामो धर्मकी पुस्तके नही होने से अपने स्वधर्मी भाइ ख्यालोकी नाटकोफ़ी पुस्तको पढ पढ कर दुष्कर्तव्य करने लग जाते हय, इस लिये धर्मकी पुस्तके अगर पढेगा तो अवश्य शुभ मारग पर आ जायगी, से उमेद करता हु के आप उस संस्थाको पुस्तकोकी मदत करके हमारे उत्साहको बढावेंगे. इस संस्थाको बहोनसे साधु महात्माओने, वह संस्थाओने, वह धर्म-प्रेमी सज्जनोंने पुस्तको की मदद दिया हय जिस्की शुभ नामावली दुसरे पेज पर कुछ छपी हय, वह देखकर आप भी मदत करे. एक वर्षका हिसाब तपासनेसे मालुम होता हय कि मास १२ मे कुल २१०७ पुस्तके मेवाड मारवाड विगेरे देशोमे भेजी हय. कार्यकर्ता एच. पी. पोरवाल. मन्त्री – जैन परमार्थ पुस्तक प्रचारक कार्यालय. मु० सादरी ( मारवाद ) For Private and Personal Use Only

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