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BHATRI
जाहेर खबर. श्री जैन परमार्थ पुस्तक प्रचारक कार्यालयको
मदद किजिये.
(कवीने कहा है.) मागण गये सो मर गये, मरे सेा मागण जाय, सब के पहेला वोह मरे, सो होते ही नट जाय. मागण मरण समान है, मत काइ मागो भीक, मागणसे मरणा भला, येही सत गुरुकी सीख, मर जाऊ मागु नही, नीज स्वार्थ के काज, परमार्थ के कारणे, मांयन आवे लाज, इस संस्थाका यह उदेश हय कि जगे जगे से प्रगट हुइ पुस्तके मंगा कर मारवाड मेवाड मालवा ओर गोलवाडके प्रत्येक गामोमे अनाय श्रावकोको विधवा बहेनोको ओर जिनमन्दिरोमे वह साधु साध्वीओकी सेवामे भेट भेजते है, इस लिये धर्मप्रेमी भाइओका एवं साधु महात्माओका कर्तव्य हय कि इस संस्थाको पुस्तकोकी मदत किजिये, मदत करनेसे आपको बहोत पुण्य होगा; ओर धर्म का प्रचार होगा, ओर दुसरे मुल्कोंमे जैन पुस्तके बहोत हय, मगर
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