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जिनगुणहीरपुष्पमाला एक तो मे माया मे माया मे मायाको लोभी।
झुठी माया मेरी जान. । नयनो० ३ एक तो मे आया मे आया मे आया तेरे चरणे।
जैन युवक गुण गाय.। नयनो० ४
॥ होरी ॥ जय बोलो ऋषभ जिनेश्वरकी जय बोलो । टेर। जन्म अयोध्या मा मरुदेवा, नाभिनन्दन जगतेश्वरकी. ज. धनुष पांचसो काया जिनकी, लंछन वषम घरेश्वरकी. ज० लक्ष चोराशी पूरव आयु, कुल इक्ष्वाकु करेश्वरकी. ज० ३ दास चुनी प्रभु सेवा चाहे, तारण तरण तारेश्वरकी. ज०४
( राम दादरा.) मत बच्चों को व्या हो रूलाने को, रूलाने को दुख पाने को ॥ मत० ॥टेरः॥ आठकी तिरीया साठ के बालम; व्याहो का बाबा कहाने की ॥१॥
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