Book Title: Jain Gajal Manohar Hir Pushpmala
Author(s): H P Porwal
Publisher: Jain Parmarth Pustak Pracharak Karyalay

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Page 35
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जिनगुणहीरपुष्पमाला एक तो मे माया मे माया मे मायाको लोभी। झुठी माया मेरी जान. । नयनो० ३ एक तो मे आया मे आया मे आया तेरे चरणे। जैन युवक गुण गाय.। नयनो० ४ ॥ होरी ॥ जय बोलो ऋषभ जिनेश्वरकी जय बोलो । टेर। जन्म अयोध्या मा मरुदेवा, नाभिनन्दन जगतेश्वरकी. ज. धनुष पांचसो काया जिनकी, लंछन वषम घरेश्वरकी. ज० लक्ष चोराशी पूरव आयु, कुल इक्ष्वाकु करेश्वरकी. ज० ३ दास चुनी प्रभु सेवा चाहे, तारण तरण तारेश्वरकी. ज०४ ( राम दादरा.) मत बच्चों को व्या हो रूलाने को, रूलाने को दुख पाने को ॥ मत० ॥टेरः॥ आठकी तिरीया साठ के बालम; व्याहो का बाबा कहाने की ॥१॥ For Private and Personal Use Only

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