Book Title: Jain Dharm Ki Kahaniya Part 08
Author(s): Haribhai Songadh, Vasantrav Savarkar Rameshchandra Jain
Publisher: Akhil Bharatiya Jain Yuva Federation

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Page 60
________________ जैन धर्म की कहानियाँ भाग-८/५८ धर्म की प्रेरणा के लिए उर्मिला रानी का उपकार माना ।। SAR CALE IM AN TUV. उर्मिला रानी ने उन्हें जिनधर्म के वीतरागी देव-गुरु की अपार महिमा समझायी । मथुरा नगरी के हजारों जीव भी ऐसी महान धर्म प्रभावना देख कर आनन्दित हुए और बहुमान पूर्वक जिनधर्म की उपासना करने लगे । इस प्रकार वज्रकुमार मुनि और उर्मिला रानी द्वारा जिनधर्म की महान प्रभावना हुई । 1 [वज्रकुमार मुनिराज की यह कहानी हमें जिनधर्म की सेवा और अत्यन्त महिमा पूर्वक उसकी प्रभावना करने की शिक्षा देती है । हमें भी सर्व प्रकार, तन-मन-धन से, ज्ञान से, श्रद्धा से, धर्म पर आये हुए संकट का निवारण करके, धर्म की महिमा प्रसिद्ध करना चाहिये ।

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