Book Title: Jain Bhajan Mala
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

View full book text
Previous | Next

Page 58
________________ ( ५८ ) ४ छ: लेग्या ना लक्षण | ( आवश्यक अ० ४ ) ५ च्चार ज्ञानवाला साधु में पिग कृष्ण लेश्या कहौ है । ( पनवणा पद १७ उ० ३ ) ६ कृष्ण, नौल अने कापोत लेश्या में च्यार ज्ञान नौ भजना कही । ( भगवती श० ८ उ०२ ) ७ कृष्णादिक तौन लेश्या प्रमादी साधु में हुवे । ( भगवती श० १ उ० १ ) 1 ८ तेजू पद्म लेश्या सरागो में हुवै । ( भगवती श० १ उ० २ ) 2 संयती में पिण कृष्ण लेश्या हुवै । ( पत्रवणा पद १७००१ ) वैयावृत्ति अधिकारा १ . यते छात्रा ने ऊंधा पाड्या ते हरकेशी नौ व्यावच कही । ( उत्तराध्ययन अ० १२ गा० ३२ ) २ सूर्याभ देव नौ नाटक रूप भक्ति कही । ( राय प्रसेणी )

Loading...

Page Navigation
1 ... 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89