Book Title: Jain Bhajan Mala
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 68
________________ ( ६८ ) शीतल आहाराऽधिकारः । १ ठण्डी आहार भोगवणो को । २ ( उत्तराध्ययन अ० ८गा० १२ ) भगवन्त ठण्डी आहार लीधो कह्यो । ( आचाराङ्ग श्रु० १ अ० उ०४ ) ३ धन्न अणगार न्हाखितो आहार लियो । ( अनुत्तर उववाई ) ४ अरस निरस तथा शीतलादिक याहार भोगवो । साधु ने द्वेष न करिव । ( प्रश्न व्याकरण अ० १० ) सूत्र पटनाऽधिकाराः १ साधुनेइज सूत्र भणवा रौ श्राज्ञा दोधी । ( प्रश्न व्याकरण अ० ७ ) २ साधु सूत्र भी तिगा रो मर्यादा कही । व्यवहार उ० १० ) ३ अन्य तोधों ने तथा गृहस्थी ने साधु सूल रूप बांचणी देवे तथा देता ने अनुसोदे तो प्रायश्चित कह्यो । ( निशोध उ२ २१ )

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