Book Title: Jain Bal Shiksha Part 2
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 20
________________ सीख कभी न कोई चीज चुराना, कभी न लालच में फंस जाना। कभी न दिल से दया भुलाना, कभी न कोई जीव सताना । कभी न चिड़ना और चिड़ाना, कभी न गाली मुंह पर लाना । कभी न दुष्टों से भय खाना, कभी न अपना धर्म गँवाना । कभी न खा - खा पेट फुलाना, कभी न खाते ही सो जाना । कभी न पढ़ने से घबराना, कभी न मन में आलस लाना । ( १५ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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