Book Title: Jain Bal Shiksha Part 2
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 21
________________ ( १६ ) कभी न करना ढोंग - बहाना, कभी न सच्ची बात छिपाना । कभी न बढ़ - बढ़ कर इतराना, कभी न मन में गुस्सा लाना । कभी न अपना नाम डुबाना, कभी न कुल को दाग लगाना । वीर प्रभू के नित गुण गाना, जीवन अपना सफल बनाना । - मगवान महावीर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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