Book Title: Jain Bal Shiksha Part 2
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 49
________________ * इससे हम जानवर को अंग भंग कर उन्हें मृत्यु की ओर धकेलते हैं। * गाय एवं बछड़ों को कसाई के हाथ बेचकर हम भो उनके वध के लिये उतने ही जिम्मेदार है। * अधिक दूध प्राप्त करने के लोभ में उनके शरीर में 'फूका' करना अथवा अन्य ठोस वस्तु प्रवेश कराना एक निर्मम अपराध है। सूअर, गडुरियों के मुह एबं पैर बांध कर उन्हें बाँस या लाठियों पर उल्टा लटका कर ले जाना अत्यन्त पीड़ादायक है। उन्हें लाठियों से पीटना एवं तीखे भालों या सलाखों से गोदना या छेदना भी अपराध है। किसी जामवर को ट्रक, रेलगाड़ी, बैलगाड़ी, रिक्शा आदि में उसे पीड़ादायक स्थिति में ले जाना एक अपराध है। करुणा मण्डल परियोना (446 I-C रोड सरदारपुरा, जोधपुर (राज.) द्वारा प्रसारित ) [ ४४ ] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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