________________
जब भी बोलो
बोलो किन्तु सच ! " सत्य ही भगवान है" - ऐसा कथन है भगवान महावीर का । सत्य से व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है । सत्य से सम्मान प्राप्त होता है, इज्जत बढ़ती है । सत्य हमारा रक्षक भी है । पाठशाला में गाया जाता है, बच्चों के द्वारा"झूठ बोलना पाप है, घर के नीचे साँप है ।" साँप भयावह होता है, जहरीला भी । झूठ भी जहर ही है । सत्य अमृत है - "सत्यमेव जयते नानृतम् ।" गुरुदेव श्री की लेखनी सच ही तो कह रही हैजब बोलो, तब सच सच बोलो,
कभी न बातें रच - रच बोलो ।
-
जब बोलो तब हँस कर बातों में मिसरी - सी
जब बोलो तब झुककर बोलो, सोच समझ कर रुक कर
बोलो ।
जब बोलो तत्र अपने मन
की
जब बोलो तब हितकर मन में आदर भर कर
Jain Education International
खुलकर
बातें
जब बोलो तब बिन अवसर मत बोलो तत्र मीठा कमी न कुछ भी कडुआ बोलो |
जब
बोलो,
बोलो ।
कम ही बोलो, मुँह को खोलो । बोलो,
द्वेष, कपट रख कभी न बोलो, निन्दा चुगली का मल धो लो |
[ ४६ ]
बोलो, घोलो ।
बोलो ।
खोलो ।
कभी किसी का भेद न खोलो, घर की बात न बाहर
बोलो ।
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org