Book Title: Itivuttakam
Author(s): Jagdish Kashyap
Publisher: Uttam Bhikkhu

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Page 28
________________ २०] इतिवृत्तकं [ २।१।३ यो न हन्ति न घातेति नजिनाति न जापये। मेत्तं सो सब्बभूतेसु वेरं तस्स न केनची ति ॥ अयम्पि अत्थो वुत्तो भगवता इति मे सुतन्ति ॥७॥ [ उद्दानं ] चित्तं(२१) झायि (२२) उभो अत्थे (२३) पुञ्ज वेपुल्लपब्बतं (२४)। सम्पजानमुसावादो (२५) दानञ्च (२६) मेत्तभावञ्च10 (२७) ।। सत्तिमानि च सुत्तानि पुरिमानि च वीसति ।। एकधम्मेसु सुत्तन्ता सत्तवीसति सङगहा ॥ एकनिपातो निद्वितो, द्वे धम्मे अनुक्कटि।12। 1घापेति, D.Bघाचेति, E.; नाग्घतीति, C. न च, P. Pa. 3 चिनाति, B. न च, Pa. 5जासये, B. मेत्तासो, P. Pa.; मेतंयो, C. (उद्दानं) त्यज्यते सर्वत्र ह० अत्या, M.; अत्ता, C. 9 पुन (एमःशब्दः सुत्त. २४), M. 10 मेत्त°,C. D. E. M.: मेत्ता', B.; मेतं, P.Pa; °भावञ्च, B. M.; °भावच, C.; °भावा च, D. E;. वाचमुच, P. Pa.; मेत्ताभावना अभिप्रेता सत्तिमानि.... वीसति M पुस्तके. 12अनुक्कटि, M.; °T, C.; प्रनुक्कुटि, B.; अनुकति, D. E.; अदुक्कटि, Pa. (P.?): Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara Surat www.umaragyanbhandar.com

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