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THE INDIAN ANTIQUARY.
[AUGUST, 1885.
marriage canopy the golden pitchers sunk.in | कौन सकेला तोर पड़ गैल बाबू कौन ऐसन गाढ़ Invoking the aid of Mother Dêvî he drew his
भेद बताब तूं जियरा के कैसे बूझे पान हमार sword and smote old Madan Singh, so as to sover his head from his body.
हाथ जोड़ के रूदल बोलल भैया सुन धरम के बात (650) With folded hands Sam Devi said, पड़ि सकेला है देहन पर बड़का भाइ बात मनाव 25 My blessing be on lord Rûdal. Celebrate now | पूरब मारला पुर पाटन में जे दिन सात खण्ड नेपाल Son'vati's nuptials.' So they called nine hundred
पच्छिम मारला बदम लहौर दक्खिन बिरिन पहाड़ learned men, and at midnight they summoned the bridegroom. There they sat Son'vati down and
चार मुलुकवा खोजि ऐलों कतहीं न जोड़ी मिले बार celebrated her marriage with Alha. So was it कुआँर done : by force was the marriage celebrated. कनियाँ जामल नैना गढ़ में राजा इन्दरमन के दरबार (555) Nine hundred prisoners were confined
बेटी सयानी सम देवा के बर माँगल बाघ जुझार 30 in the canopy and he cut all their fetters as they cried, May you live for ever, lord Rüdal,
बड़ि लालसा है जियरा में जै भैया के करौं* बियाह and may your sword be ever famous.'111 करो बिअहवा सोनवाँ से
So the litter of Son'vati started and came |प्रतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा मन मन करे गुनान within sight of Moh'bâ, and by travelling night
जोड़ गदोइ अरजी होय गैल बबुआ रूदल कहना and day it arrived there. TEXT.
मान हमार ॥ अथ गीत आल्हा ॥
जन जा रूदल नैना गढ़ में बबुआ किल्ला तूरे मान के लागल कचहरी जब आल्हा के बँगला बड़े बड़े बबुआन
नाहि
35 लागल कचहरी उजैनन के बिसैनन के दरबार
बरिया राजा नैना गढ़ के लोहन में बड़ चण्डाल नौ सौ नागा नागपूर के नगफेनी बाँध तरवार
बावन दुलहा के बैंधले बा सादे सात लाख बरियात बैठल काकन डिल्ली के लोहतमियाँ तीन हजार
समधी बाँधल जब गारत में अगुआ बेड़ी पहिरलन जाय मढ़वर तिरीता करमवार है जिन्ह के बैठल कुम्ह च
भौट बजनियाँ कुल्हि चहला भैल मँड़वा के बीच मैझार एडाल
प्रकहा ढेकहो ढेलफुरवा मुटपिचवा तीन हजार 40 झड़ो उझनिया गुजहनिया है बाबू बैठल गदहियावाल
मारल जैब नैना गढ़ में रूदल कहना मान हमार नाच करावे बैंगला में मुरलिधर बेन बजाव
के बीर न० बा जग दुनियाँ में जे सोनवाँ से करे बियाह मुरमुर मुरमुर बाजे सरङ्गी जिन्ह के रुन रुन बाजे
जन जा रूदल नैना गढ़ में बबुआ कहना मान हमार
प्रतना बोली रूदल सुन गैल रूदल जर के भैल अंगार सितार तबला चटके रस बेनन के मुखचन्द सितारा लाग
हाथ जोड़ के रूदल बोलल भैया सुनी बात हमार 45 नाचे पतुरिया सिङ्घल दीप के लौडा नाचे गोप्रालि
कादर भैया तूं कदरैल तोहरो हरि गैल ग्यान तोहार
धिरिक तोहरा जिनगी के जग में डूब गैल तरवार यरवाल
10 तोफा नाचे बैंगला के बैंगला होय परी के नाच
जेहि दिन जाइब नैना गढ़ में अम्बा जोर चली तरवार सात मन का कुण्डी दस मन का घुटना लाग
टूबर दहिया तूं मत देख झिलमिल गात हमार घेला अठारह सबजी बन गैल नैी नौ गोली अफीम जाह दिन जाइब नना गढ़ म दिन रात चला तरवार 50 चौदह बत्ती जहरन के पाल्हा बत्ती चबावत बाय
प्रतना बोली आल्हा सुन गैल आल्हा बड़ मोहित होय पुतली फिर गैल आँखन के अंखिया भैल रकत के धार
1 हाथ जोड़ के पाल्हा बोलल बाबू सुन० रूदल बढ़ान चेहरा चमके रजवाड़ा के लड़वैया शर जवान केत्ता मनीला बघ रूदल के बाबू कहा न मनला मोर अम्बर बेटा है जासर के अपना कटले बीर कटाय लरिका रहल तो बर जोरी माने छैला कहा न० माने मोर जिन्ह के चलले धरती हीले डपटै गाछ झुराय जे मन माने बघ रूदल से मन मानन कर बनाय 55
ओहि समन्तर रूदल पहुँचल बैंगला मे पहुँचल जाय प्रतना बोली रूदल सुनगैल रूदल बड़ मङ्गन होय जाय देखल सूरत रूदल के आल्हा मन में करे गुनान 20 | दे धिरकारी रूदल बोलल भैया सुनी गरीब नेवाज दहिया देखा तोर धूमिल मुहवाँ देखाँ उदास | डूब ना मूइल तूं बड़ भाइ तोहरा जीअल के धिरकार 210 In the stream of blood.
| 1 बजे 'may it be famous' ; lit. 'may it sound.'
जाय