Book Title: Gyandipika arthat Jaindyot Author(s): Parvati Sati Publisher: Maherchand Lakshmandas View full book textPage 7
________________ [ ३ ] __शुद्धि १६१ २०१ पृष्ठ पंक्ति अशुद्धि पूर्व के पूर्व की रोग्य भाग्य १७७ बैङ बैङ्गण कंदर्य कंदर्प २११ गिर्द गृद्धि २१२ फल करि बन्दामिता करित्ता बन्दामि २१६ लाप २१६ नमकारो नमोकारो २१६ प्यामा प्पणा पंचिदि असं पंचिदिसत समित सुमित CE • Mv Wav 2000 जल २१६ लोए जाए जाए १ rrrrrrrrrrrrrY कमणे % * 40 4 कमण३ ववरोविमा तस्स ट्ठाए वाय अप्पाणं सुमि पहं सेज्जंस विहु रय ववरीविया तस्य णद्वाए वासय सप्पणं सुमिणं प्यह सिजस विठुमर य * 40 40 rd र१९Page Navigation
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