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-गुरुवाणी
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हुआ और थाली में लाकर मुकुट पेश किया और वैसे ही मुकुट माथे पर पहन कर राजा आ गये.
फूल के बीच में बड़ा जहरीला नाग माथे पर मौत के रूप में सवार था. राजा ने कहा सिवाय थप्पड मार कर गिराने का दसरा कोई उपाय नहीं था. यदि बेचारा हाथ डालता तो उसे मौत का डर था. अगर मुझे कहता कि राजन! माथे पर सांप तो मेरे हृदय पर असर होता और मैं तुरन्त हाथ ऊपर करता तो वह मुझे डस लेता.
थप्पड़ मार के गिराया. मतलब मुझे नया जीवन मिला. इस व्यक्ति ने मुझे आज मौत के मुंह से निकाला. सवा लाख रुपये और एक जागीरी इसको इनाम दिया जाय.
इसलिए मैं कहता हूं कि आप अपनी श्रद्धा को परिष्कृत बनाइये. श्रद्धा को परिमार्जित कीजिए. श्रद्धा का केन्द्रीकरण करिये. अन्तर्हदय में जिस परमेश्वर को आपने अपना इष्ट माना है उस अरिहन्त परमात्मा के प्रति विश्वासपात्र बनिये. प्रामाणिकता का इनाम आपको दिया जायेगा. वह परमेश्वर के दरबार से अवश्य मिलेगा.
इस तरह से अपने जीवन का ऐसा नव निर्माण करें कि अन्ध श्रद्धा से निकल कर सम्यक् श्रद्धा की ओर आगे बढ़ें तब तो आप कुछ पा सकेंगे. यदि अन्धश्रद्धा और अन्धविश्वास में रहें तो कुछ नहीं मिलेगा.
आप साधु-महात्मा को नमस्कार करते हैं, तीर्थकर परमात्मा का मंगल दर्शन करते हैं परन्तु दुकान खोलते समय सीढी को नमस्कार, ताले को नमस्कार, अन्दर बाक्स को नमस्कार, कुछ समझ नही आता है कि इस नमस्कार के पीछे किस देवता का आवास है. ऐसे भाव से यदि परमात्मा साधुसंतों को नमस्कार करें तो अपना जीवन सार्थक हो जाय.
नमस्कार का कुछ मूल्य होता है. इसका अवमूल्यन (डिवैल्यूवेशन) न करें. यह परमात्मा को या साधु सन्त को, प्राणियों को या जन्म देने वाले माता-पिता को किया जाता है. सिवाय इसके यह उत्तम अंग से नमस्कार नहीं और जो किया जाता है व्यवहार से, वह शिष्टाचार प्रणाम. बस श्रद्धा का उपयोग कभी भूल कर भी न करना, सही करना तभी साधना का आनन्द आयेगा. स्वाद मिलेगा, तब ये साधना सगन्ध देने वाली बनेगी. नहीं तो आप फिरते रहिये.
सेठ मफतलाल बगीचे में से फूल की टोकरी लेकर आ रहे थे. बादशाह नवाबों का बगीचा दिल्ली के पास किसी गांव में था. बहुत अच्छा बगीचा था. रोज वहां परमेश्वर को फूल चढ़ाने के लिए टोकरी भर ले आते. वे गुलाब का फूल ले आते. अचानक रास्ते में वर्षा का मौसम था तो जरा पेचिश हो गई. डिसेन्ट्री में आप जानते हैं, कई बार जंगल जाना पड़ता है. लूज मोशन होता है. वर्षा ऋतु में पानी की गड़बड़ी से यह रोग होता है. वायरस का संक्रमण होता है.
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