Book Title: Epigraphia Indica Vol 17
Author(s): F W Thomas, H Krishna Sastri
Publisher: Archaeological Survey of India

Previous | Next

Page 228
________________ No. 14.] SOMALAPURAM GRANT OF VIRUPAKSHA: SAKA 1389. 201 57 पसंयुक्तं जलपाषाणमिश्रितं । पक्षियागामिसंयुक्त । सिहसाज्यस68 मन्वितं ।[३६ | अष्टभोगेच संयुक्तं कुख्यारामममन्वितं [*] समस्तबळिसंयु59 तं सर्वमान्य फलप्रदं] । [३७* तंगभद्रानदीतीरे विरूपाक्षस्य सं(स)विधौ[*] 60 सहिर(र) ण्योदक(क) दानधारापूर्व यथाविधि [॥३८*] विरुपाक्षरं चैति61 प्रतिनाम विधाय च ॥ भोक्तुं दातुं विजेभ्यश्च प्रादादा[चंद्र] तारकं । [३८*] 62 सोपि हिजश्च संतुष्ट[:*] संयुतः परया सुंदा [*] प्रकर(रो)दाशिषं राजे चिर63 जोवी भवविति ॥[४.*] गोत्रं शाखा पितुर्नाम दिजानां च यथास्थितं [*] लिख्यं64 ते वृत्तिसंख्यात्र षष्टिसंख्या यथाक्रमात् [॥ ४१*] श्रीवत्सो रुगधीतच [हेम]. 65 णायसुतः सू(सु)धीः [*] मल्लिभद्देति विख्यो(ख्या)तो वृत्तिमेकामिहाश्रुते॥ [४२*] वासि66 टो(ठो) रुगधोतच वलंभट्टम[तः] सुधी[:] । [दुर्गाभट्टेति विख्याती वृत्तिमे का मिहाश्रु. 67 ते ॥[४३*] हारीतो गधोतच हंपणार्य[स]त: सुधी[:] [*] सारंगायच विख्यात[:*] साध[मेक]68 . .[स]: [॥ ४४*] पात्रेयोथ रुगध्येत भायणा[य]स्य [नंदन]: [*] भायिभट्टो विजथेष्टो(ठो) वृत्ति69 [इयमि]हाश्रुते ॥[४५*] Third Plate. 70 तेस्तै [स] (स्म)मन्वितश्चिन्हे दि. 71 तु प्रास्या(यादिषु क्रमात् [*] सोमानोश्या(स्या)ग्रहारस्य लिख्यते देष(शभाषया [84*] 72 वासिष्टो(ठो) बं(ब)ह(ब)चो विहान् 73 ऐतयार्यसुतः सुधी: [*] वनभो रायसखा(स्वामि(मी) हत्ति"मेकामिहानते । [४७*] 1 Cancel the dande. ina correction from F. . Read गधीतक • Read महति . • Read गचौतय. At the top of this plato, a little below the right side of the ring-hole, is the letter vi which I am not able to explain. . The line begins about the middle of the plate. 10 Like to in line 23 in written with preceding ha. The grammatically correct form wonld be vice verad. - The two syllables & are written over an eroure. Read गोता.

Loading...

Page Navigation
1 ... 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426