Book Title: Epigraphia Indica Vol 17
Author(s): F W Thomas, H Krishna Sastri
Publisher: Archaeological Survey of India
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EPIGRAPHIA INDICA.
[ VoL. XVII.
रुधिरमधुपानमत्तागोतकूमाण्ड[राक्ष]सपिशाचे [*] दत्तलयतल्यकालप्रतिभयनीनय॑म्कवन्धशवयोनी (a) [॥ २० ॥1 (8)
(a) Read भयनत्यत्कवन्धशतयोनी. (b) Metre : Giti. [योने]कलाक्षसाधनमा[योध]नशिरसि (a) विक्रमादित्य[म् ।*] कप्पटमात्रपरिच्छदम्(b) एकाकिपलायितम् [कत](c) [1] [२१ ॥*] (a)
(a) Read लक्ष. (b) Read कप्पट'. (c) Read °च्छदमेकाकिपलायितं कृतवान. (a) Metre : Arya. रखप्रभाखचितकाञ्चनशारिबन्ध (a) साबाब() नागमकिवारणनामधेय[म*](c) [*] नित्यानुबन्धमदनिजरमट्रिनाथ (d) साक्षादिव हिपसहस्रकतानियात्रम् (e) [॥ २२ ॥*(f)
(a) Rend tao and Pami. (6) Read #918. () Read Pafcant. (d) Read "faitafeare'. (6) Read Ouargarga. (f) Metre : Vasantatilaka. त्रिदशपतितरंगस्येवमष्टमंगलयः (a) परसञ्चलसम् प्रव्यक्तकल्याणजाति (5) [*] . सरगमतिशयाख्यां(6) रत्नपल्याणवन्तम सतमपि (d) इयलचामरच्छनकरण : ॥ २३ ॥*] (e)
(a) Rend perhaps तुरंगस्पष्टमांगल्ययातं. (b) Read perhaps वरमनलसकम्पव्यक. (0) Read या (बपल्याण मन्तं. (1) Read युतमपि. (e) Metre : Malini. समरपरिश्रमस्य सदृत्वशमहपलमलयुजवोकम् (a) [*] रत्तनखरमनुपम (8) माणिक्यमरकतनिवेशमण्डनम् [॥ २४ ॥] (c)
(a) Read प्रमसदृशं त्वसममहीपलमालायुजमेकम् . () Read रब° and °मनुपमं च. (c) Metre : Grti. शक्षणगुणं गुणन्तकटिसूत्रम् उदीर्णंम् मणिप्रभम् (a) [*] भासुरकिरणमालिकोटमाणिक्कमनधमविशृतम् (3) [॥ २५ ॥*] (c)
(a) Read गुणवस्कटिसूत्रमुदौर्णमणिप्रभम् . (6) Read °कोटिमाणिक्यमनमभिश्रुतम् . (c) Metre : ? मनसि भयवि[---*]पयन्यार्थिवाना- (a) दिशि दिशि चटितनि| यशम् पुष्पमाला[म*] (1) [*] इदम् महरदशेष (c) सतया मतालचम्या सह वपुषी (d) विशेषालंकते वोरकत्या [॥ २६ ॥*] (e)
(a) Read perhaps भयावेषादावर्ष. (6) Read पलितारिहों यशापु. (c) Rand ग्यमारदशेष, (d) Rend agiu. (e) Metre: Malins.
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