________________
SAR
DD
पुण्यभूमि : गुणशील उद्यान
स
जू बीचमें ही बोल उठा - यह गुणशील उद्यान कौनस
जहाँ प्रभु महावीर समवसरे थे? AIR राजू बोला : देखो....., वो जो सामने दीख रहा है वहीं और दोनों मित्र अस्ताचलकी ओर ढलते हुए सूर्यके साथ अति वेगसे वह उद्यानमें पहुँचे। महावीर प्रभुजहाँ सह-परिवार सैंकड़ो बार पधारे और अनेकबार समवसरण रचना हुई......। गौतमादि गणधरभगवंतों और चौदह हजार अणगार और छत्तीसहा श्रमणीओंके पादारविंदसे पवित्र बने इस उद्यानकी सुविशालता देखते ही दोनों चकाचौंध हो गये। वहाँ एक अशोक वृक्षके नीचे पालखी लगाकर बै
32
Jain Education international
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.ca