Book Title: Ek Safar Rajdhani ka
Author(s): Atmadarshanvijay
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 51
________________ की आजकी ताजा खबरmaau COMESO जू बोला : संजू ! कौतुक उत्पन्न हो, ऐसा एक बनाव यहाँ बना था। इस समय वह नगरीमें पज्य-सधर्मास्वामी बिराजमान थे। उनकी वैराग्यसे बहती वाणी सुनकर इसनगरका एक लकड़हारा दीक्षा लेने तैयार हुआ। सुधर्मास्वामीने योग्य जानकर इसे दीक्षा दी। पर "लोक" किसका नाम ? वह तो सीता जैसी महासतीयोंको भी जैसे तैसे कहे तो लकडहारे को कैसे बाकी रखे ? बस, अपने कुटुंबका जीवनयापन कर सकता नहीं था..... और कमानेके लिए तकलीफ पड़ती थी-खानेके लिए दीक्षा ली....बात तो फैलने लगी..... एक मुँहसे दूसरे मुँहपर... वायुवेगसे यह गरमागरम खबर सारे नगरमें फैल गई। और वहाँ तक कि जो सुधर्मास्वामीके कान तक पहुंची। 45 Education International For Private & Personal Use Only ewww.jainelibrary.org

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