Book Title: Ek Safar Rajdhani ka
Author(s): Atmadarshanvijay
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 43
________________ चित्रपट १ . चित्रपट २ -चित्रपट ३ -चित्रपट ४ -चित्रपट ५ - चित्रपट ६ चित्रपट-१.:ऋषभदत पिता और धारिणी माताकी आप यहाँ पर ही स्थिरता कीजियेगा" - गणधर भगवंतने कुक्षिसे जन्मा पुण्यवंत वह बालक का जंबूवृक्षके स्वप्नसे कहा- वत्स, अच्छे काममें ढील नहीं करना। सूचित जंबू ऐसा नाम स्थापित किया गया। " चित्रपट - ३. : माता-पिताकी अनुमतिके लिए जंबू चित्रपट - २.: कला, वय और गुणसे वृद्धि पानेवाले जैसेही नगरद्वारमें प्रवेश करते हैं......... न जाने यकायक जंबूने यौवन में कदम रखे । एकबार राजगृही नगरीमें श्री लोहेका गोला इसके कानके पाससे पसार हुआ। जंबू सोचता सुधर्मास्वामी पधारे.... १६ सालका जंबू देशना सुनने गया। है.... अहो ! मरते-मरते बचा...... आयुष्यका भरोसा नहीं... एक ही देशनासे जंबूका मन संसारसे विरक्त हुआ.... उसने तुरंत वहाँसे वापस लौटकर सुधर्मास्वामीके पास आकर सुधर्मास्वामीको प्रार्थना करते हुए कहा कि "प्रभो ! जब तक (ब्रह्मचर्य) चतुर्थव्रत अंगीकार करते है। संसारको सीमित चारित्रके लिए माता-पितासे, अनुज्ञा लेकर न आऊँ तब बना देते हैं। n Education International For Pi37te & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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